गुरुवार, 20 अक्तूबर 2016

ज़रा अ आसमां !

करवा चौथ स्पेशल

ज़रा अ आसमां ! तुम दिल को अपने थामना,देखो.
तुम्हारे चाँद का इस चाँद से है सामना, देखो.

मेरा महबूब छत पर आ गया है ओढ़ तारों को.
हुई हैरत जमीं पर देख तुमको क्यूँ सितारों को.
समेटे रंग दामन में,हँसी लेकर गुलाबी सी.
तुम्हारी रात को भी कर रही है वो शराबी सी.
धरा की अप्सरा है,पूछना तुम नाम ना, देखो.
तुम्हारे चाँद का....

बड़ी मुद्दत से कैसी ये अनोखी रात है आयी.
किसी को देख कर ये चाँदनी भी आज शरमायी.
चमकते पाँव के बिछुये,खनकते हाथ के कंगन.
हवा में खुशबुये ऐसे की जैसे महकता चंदन.
सजीला रूप देखूं तो बचे ना कामना,देखो.
तुम्हारे चाँद से...

ज़रा सा थाम धड़कन को,तू थोड़ा हौंसला रखना.
तू अपने चाँद से कह दे कि उनसे फासला रखना.
कहो तुम चाँदनी से कि बुझा आये सितारे भी.
धरा पर भी धरोहर है, फलक के हैं नजारे भी.
नज़र लग जाये ना उनको,
यूँ खुल्ले आम ना देखो.
तुम्हारे चाँद का....

विकास यशकीर्ति

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