हिंदी की श्रेष्ठ कविताओं का संग्रह - वीर रस श्रृंगार रस , शिक्षक पर्व दिवस , collection of best hindi poems
उजली भोर सुहाई कैसे। तू ही कह दे आई कैसे।
जब भी होते जग के मेले लगती तब तन्हाई कैसे।
कैसे पूछू किसको पूछू तूने प्रीत भुलाई कैसे।
सब कुछ लूटा उसने पूछा इस अनुराग नहाई कैसे।
लोग हुए हरजाई दीपा समझे पीर पराई कैसे। ़दीपा परिहार ं
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