शनिवार, 29 अक्तूबर 2016

एक दिया ऐसा

" एक दिया ऐसा भी हो, जो भीतर तलक प्रकाश  करे  ,
एक दिया जीवन में फिर आकर क़ुछ  श्वास  भरे !
एक दिया सादा  हो इतना , जैसे सादा-सरल साधु  का जीवन ,
         एक दिया इतना  सुन्दर हो , जैसे देवों  का  उपवन  !
एक दिया भेद मिटाये  , क्या  तेरा -क्या मेरा  है  ,
         एक दिया  जो याद  दिलाये , हर रात  के बाद  सवेरा  है  !
एक दिया उनकी खातिर हो, जिनके घर में दिया नहीं ,
         एक दिया  उन बेचारों का जिनको घर ही दिया नहीं !
एक दिया सीमा के रक्षक , अपने भारत के  वीर जवानों  का ,
          एक दिया मानवता - रक्षक , चंद  बचे (मुट्ठी भर) इंसानों  का !
एक दिया विश्बास दे उनको , जिनकी हिम्मत टूट  गयी  ,
              एक दिया उस राह में भी हो , जो कल पीछे  छूट  गयी !
एक दिया जो अंधकार का , जड़  के साथ  विनाश  करे ,
           एक दिया  ऐसा  भी हो , जो भीतर तलक प्रकाश  करे ,"- - - -

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