बुधवार, 12 अक्तूबर 2016

आज तिरँगा गाड़ दो....!

जहाँ मिलें जिस जगह मिलें....
इनकी छाती ही फाड़ दो.....
आतंकी की देह में गहरे....
आज तिरँगा गाड़ दो....!

बहुत हो चुके शौकग्रस्त हम....
आज युद्ध की वेला है....
आज उरी में फ़िर कुत्तों ने....
खेल रक्त का खेला है...!

कब तक सैनिक वीर हमारे....
अपने प्राण गंवायेंगे....?
और तिरंगे में लिपटे...
कितने शव वापस आयेंगे....?

बहुत हुआ आतंक-नृत्य...
अब अन्तिम परदा गिरने दो....
सीमा के उस पार पापियों को-
भी कुछ शव गिनने दो..!!!

कूटनीति और राजनीति के...
बन्धन अब -सब छोड़ दो....
पाकिस्तानी कुत्तों की हर....
अकड़ की हड्डी तोड़ दो...!

आहत है यह देश हमारा....
आहत हैं भारत माता...
सेना को दे क्षति श्वान यह...
आखिर क्यों है बच जाता....???

समय पुकारे देश पुकारे...
अब तो सुन लो ओ सरकार....
सेना को दो छूट मचेगी...
पाकिस्तान में हाहाकार....!

पार करो सीमा को दम से...
सिहर उठे रावलपिंडी....
सदा सदा के लिये मिटा दो...
दहश्तग़र्दी की मंडी....!!

वन्दे मातरम.....

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