गुरुवार, 20 अक्तूबर 2016

जीवनसाथी

.......जीवनसाथी.........
....तुमसे रुठ भी जाऊं मेरे प्रिय ,
....तुम्हारे लौटने का इंतज़ार होता है ।
....तैरती खामोशियो के मंजर पर,
*.."क्या.. ...सुनो ...."*
का असर हर बार होता है ।

....शिकवे अपनी जगह इस रिश्ते में,
....मुस्कुराना ही मनुहार होता है ।
.... संग न महज आसां राहों का मगर  ,
.... दुःखो पर भी मेरा अधिकार होता है ।
......मन की गिरह जब जब खुले  ,
....नयी शुरुअात जैसे त्यौहार होता है ।
..... व्रत ,पूजन सब तुम्हारी खातिर,
.... ..चाँद से सजदा मेरा हर बार होता है ।
......ये कैसा रिश्ता सात फेरो में बंधा ,
.... शिकायत जिनसे उन्ही से प्यार होता है।

  करवाचौथ की अग्रिम बधाईयाँ

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