शनिवार, 29 अक्तूबर 2016

बचपन


किसी ने *भींत से रगड़कर* छोड़ी तो किसी ने सड़क पर रख *चप्पल से रगड़कर* छोड़ी ,
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किसी ने *भाटे से कूट कूट कर* छोड़ी ,
तो किसी ने *बन्दूक में डालकर* छोड़ी ......
किसी ने *नट बोल्ट* का प्रयोग किया तो किसी ने *दांतो से किचरकर* छोड़ी ।
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और तो और कुछ कुचमादियों ने मेरा *नाखूनों से कत्ल किया* तो किसी ने मुझे *जलती आग में* डालकर माहौल बनाया ।

बचपन में अलग अलग भांत के लफंगों ने मेरा अलग अलग तरह से शोषण किया ।

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आज आप बड़े हो गए , मुझे भूल गए ..
लेकिन मुझे आप और आपका लपरा बचपन अच्छी तरह याद है ।

:---आपकी -- *टिकड़ी*

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