किसी से नाराज हो जाओ तो बस इतने
फासले पर ही होना जो -
एक कदम...
एक स्पर्श....
एक मुस्कुराहट...
एक आंसू.....
एक शब्द
या
प्रेम से भरी एक नजर से सब कुछ
भूल कर वापस और सम्बन्ध सोहाद्र-पूर्ण हो जाए।
जीवन का क्या भरोसा,
ना जाने कौनसी साँस आख़री हो।
हम क्या साथ लाए थे और साथ क्या ले जाएंगे!
इसीलिए सारी कड़वाहटों को यहीं मिटाना है और
अच्छी यादों के साथ निकल जाना है।!!
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