ए “सुबह ” तुम जब भी आना,
सब के लिए बस "खुशियाँ" लाना.
हर चेहरे पर “हंसी ” सजाना,
हर आँगन मैं “फूल ” खिलाना..
जो “रोये ” हैं इन्हें हँसाना.
जो “रूठे ” हैं इन्हें मनाना,
जो “बिछड़े” हैं तुम इन्हें मिलाना.
प्यारी “सुबह ” तुम जब भी आना,
सब के लिए बस “खुशिया ”ही लाना.
सुप्रभात
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