शुक्रवार, 30 दिसंबर 2016

याद

वो    जिसे  भूलने में ज़माने लगे।
फिर मुझे याद आकर सताने लगे।

लो   सितारे  हँसे   फूल  गाने  लगे।
वादियों   में  नया  घर बसाने  लगे।
 
अब मुझे छोड़कर वो ख़फा हो चले।
फिर  मनाने  में उनको  ज़माने लगे।

लौटकर आऊँगा कह गया वो मुझे ।
देखकर  अब  नज़र भी हटाने लगे।

तीर   दीपा नज़र  के  चलाए   मगर ।
उसकी आँखों में  भी सौ बहाने लगे ।

⚱⚱दीपा परिहार⚱⚱

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