*अगर भूल से भी कभी आपको*
*गर्व हो जाये की मेरे बिना तो*
*यहाँ काम चल ही नहीं सकता..*
*तब आप अपने घर की दीवारों पर*
*टंगी अपने पूर्वजों की तस्वीरों की*
*तरफ देख लेना तथा सोचना की क्या*
*उनके जाने से कोई काम रुका है...?*
*जवाब आपको स्वतः ही मिल जायेगा*
*चौरासी लाख योनियों में,*
*एक इंसान ही पैसा कमाता है।*
*अन्य कोई जीव कभी भूखा नहीं मरा,*
*और एक इंसान जिसका कभी पेट नहीं भरा !!*
हिंदी की श्रेष्ठ कविताओं का संग्रह - वीर रस श्रृंगार रस , शिक्षक पर्व दिवस , collection of best hindi poems
मंगलवार, 13 दिसंबर 2016
गर्व
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