खुद के अवगुण खोजिये. ,
दूजै के गुण देख. !!
जदे सारथक जांणिये. ,
साचो जीवन शेख. !!1!!
अवगुण देखे और के. ,
तब कां मिळसी तोय. !!
परनिन्दा कज्ज प्रांणिया ,
हांण तिहारी होय !!2!!
जो तूं चाहै जगत में. ,
भल्ल हुवै तव भाग. !!
श्रीहरी ने समरतां ,
तन मन अवगुण त्याग. !!3!!
हेत राख भजिये हरी ,
तजिये दोष तमाम. !!
लगन धार मन लीजिये. ,
रजिये ऐको राम. !!4!!
ध्यान राख नह धोविये ,
मिनखां तणो ज मेल. !!
परनिन्दा तणें पाप सूं ,
खोटा होसी खेल. !!5!!
मीठा मीर डभाल
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