सोमवार, 22 जनवरी 2018

बेतहाशा है रफ्तार..

*गैरमुकम्मल सी है ये जिंदगी,
      *और वक्त की बेतहाशा है रफ्तार..

*रात इकाई,
*नींद दहाई
*ख्वाब सैंकडा,
*दर्द हजार....

*फिर भी जिँदगी मजेदार•••!!
       
     

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